सब एकाकी हैं
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
मृत्यु के पथ पर इस जीवन में कौन अविनाशी है।
अद्वितीय इस जगत के,
व्युह में जाने को सब आतुर हैं
अजय कोई नहीं मृत्यु के सब संभावित हैं
भीड़ में भी सब अतिजन के वासी हैं
अंगारिणी के राह में अंतर्ज्ञान ही महारथी है
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
सरपट राह पर बाधाओं की बारिश है
अपने अपने अधिगमन से,
अनट के अधिकारी हैं।
चक्र में जो साथी है, वो कंसारी है।
जो उसको जाने वो मनुष्य अविकारी है।
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
मृत्यु के पथ पर इस जीवन में कौन अविनाशी है।
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
मृत्यु के पथ पर इस जीवन में कौन अविनाशी है।
अद्वितीय इस जगत के,
व्युह में जाने को सब आतुर हैं
अजय कोई नहीं मृत्यु के सब संभावित हैं
भीड़ में भी सब अतिजन के वासी हैं
अंगारिणी के राह में अंतर्ज्ञान ही महारथी है
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
सरपट राह पर बाधाओं की बारिश है
अपने अपने अधिगमन से,
अनट के अधिकारी हैं।
चक्र में जो साथी है, वो कंसारी है।
जो उसको जाने वो मनुष्य अविकारी है।
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
सब एकाकी हैं , क्या सुख दुःख के साथी हैं ?
मृत्यु के पथ पर इस जीवन में कौन अविनाशी है।
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