मंजरी
विचारों के मंजरी में से कुछ विकसित फुल.…
Sunday, October 7, 2012
कुछ दिल के
फ़साने
बेक़रार
बाते करनी थी तुम से कई हज़ार ,
कहने थे कुछ दिल के फ़साने बेक़रार ,
दूर हो तुम तो क्या कहे अब हम,
अब बस अपने ख्वाबों में ही
कह दे दिल की बाते दो चार
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