Friday, October 25, 2013

सुबह कि अलसाई धुप


                   सुबह कि अलसाई धुप


         सुबह कि अलसाई धुप में कुछ मीठी गर्मी है
         सुबह कि अलसाई धुप में कुछ मीठी सर्दी भी है .
       
          मौसम ने फिर से अपना रंग बदला है
          जाड़ों ने फिर से दस्तक दी है.
          प्रकृति ने अपनी कुछ उपहार लुटाये हैं .
          जो इन रंगों में छाए हैं .
       
          हम भी कुछ अपने दिल को समझाते हैं
         जो न जाने  उदासी में बदल जाते हैं
          मिले कुछ ऐसा इन वादियों में
        जो कर दे झंकृत मन को ,जो अलसाये हैं


         सुबह कि अलसाई धुप में कुछ मीठी गर्मी है
         सुबह कि अलसाई धुप में कुछ मीठी सर्दी भी है .

No comments:

Post a Comment