मंजरी
विचारों के मंजरी में से कुछ विकसित फुल.…
Monday, April 22, 2013
बिसरलौ सब किछ मनपसंद ,
छुटल नव पल्लव नव उमंग,
वो महुआ क मादक सुगन्ध ,
वो आमक मंजरिक सुवसित सुगन्ध ,
भोरक पुरबिया में रमल शीतल मंद पवन
ठेट दुपहरी के अंगार बनल सूरज क जलन
और रातिक चाँद के शीतल किरण
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