Sunday, September 16, 2012

इ बरखा में


इ बरखा में 

भेलौं अपन घर से दूर , रहलौं अपन गाम से दूर
भेल झमाझम बरखा कलिः राती 
और हम एकसार रहलौं अपन घर से दूर 
मोन पडल बिटिया हमर,
मोन पडल कनिया हमर 
और अपन सब परिवार
केलों याद हम सब भगवन के 
केलों याद हम अपन आधार के
भेलौं अपन घर से दूर , रहलौं अपन गाम से दूर 

इ रिमझिम बरखा में 
इ रिमझिम सावन भादों में
रहलौं एकसार  हम 
अपन गाम से दूर 
अपन भगवन से दूर
भेलौं अपन घर से दूर , रहलौं अपन गाम से दूर 

किछ ज्यादा हिं मोन अछी बेचैन 
किछ ज्यादा हिं आत्मा भी अछी बेचैन 
बड़ा हिं अद्भुत पीड़ा अछी
नहीं जनि इ की थिक
हम अखन धरी नहीं बुझ्लौं  
भेलौं अपन घर से दूर , रहलौं अपन गाम से दूर 

पुकार्लौं हम अपन द्रवित ह्रदय से 
नहीं जनि हमर पुकार सुन्लौं की नहीं 
नहीं जान्लौं की भेल 
गुम भेल हमर पुकार 
गुम भेल हमर विचार 
शुन्य में छि हम
नै जनि की भेल 
इ बरखा में 
भेलौं अपन घर से दूर , रहलौं अपन गाम से दूर 



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